पहले तुमको मनाऊ गजानन्द भजन लिरिक्स

पहले तुमको मनाऊ गजानन्द भजन लिरिक्स 


दोहा - "गजानंद आनंद करो, और कर सम्पत में शीश,

      दुश्मन को सृजन करो, नुत जिमाऊ खीर" 


भजन -

 पहले तुमको मनाऊ गजानंद, लाज मेरी बचानी पड़ेगी 

(तर्ज -भर दो झोली मेरी ) 


पहले तुमको मनाया सभा में,

 आके मान बढ़ाया हो तुमने। 

रिद्धि सिद्धि के हो देने वाले,

 मेरी बिगड़ी बनानी पड़ेगी।।१।।


पहले तुमको मनाया गजानंद.........


भोग मोदक का है स्वामी लगाते,

करके मूसा सवारी है आते। 

जग में सबकी निभाई है तुमने,

आज मेरी निभानी पड़ेगी।।२।।


पहले तुमको मनाया गजानंद.........


सभी भक्तो के तुम हो सहारे,

हम आये है शरण तिहारे। 

आज महफ़िल में आओ मेरे दाता,

आके शान बढ़ानी पड़ेगी।।३।।


पहले तुमको मनाया गजानंद.........


तेरी महिमा है गणपति निराली,

तेरे दर पे जो आते सवारी।

मेरी नैया पड़ीं है भंवर में,

डूबी नैया तिरानी पड़ेगी।।४।।


पहले तुमको मनाया गजानंद......... 


 भंडार भंडार 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ