राम मेरे घर आना भजन लिरिक्स

राम मेरे घर आना भजन  - प्रकाश माली Lyrics

Singer प्रकाश माली
Song Writer भजन भंडार

दोहा - लक्ष्मण और सीता के संग,
वन को जाते राम। 
           दर्शन प्यासी भीलनी केवे,
सुबह और श्याम।।



राम मेरे घर आना, 
चित्रकूट के घाट घाट पर,
भीलनी जोवे बाट,
राम मेरे घर आना,
राम मेरे घर आना।।



आसन नही है रामा कहाँ मैं बिठाऊँ,
कहाँ मैं बिठाऊँ रामा,
कहाँ मैं बिठाऊँ,
टूटी पड़ी है खाट-खाट,
 पे बिछी पड़ी है टाट,
राम मैरे घर आना,
राम मेरे घर आना।। 



भोजन नही है रामा क्या मैं जिमाऊ,
क्या मैं जिमाऊ रामा,
क्या मैं जिमाऊ,
ठंडी पड़ी है घाट-घाट
 पर डालो ठंडी छाछ,
राम मैरे घर आना,
राम मेरे घर आना।।



मेवा नही है रामा क्या मैं चढ़ाऊँ,
क्या मैं चढ़ाऊँ रामा,
क्या मैं चढ़ाऊँ,
सूखे पडे है पेड़-पेड़ पे,
लगे हुए है बेर,
राम मैरे घर आना,
राम मेरे घर आना।।



झूला नही है रामा कहा में झुलाऊँ,
कहा में झुलाऊ,
हरे भरे है पेड़-पेड़ 
कहा में झुलाऊँ रामा,
पर झूले सीताराम,
राम मैरे घर आना,
राम मेरे घर आना।।



तुलसीदास प्रभु आस रघुवर की 
भीलनी लाई बोर,
 लाई कर कर खाण्डी या कोर।।



चित्रकूट के घाट घाट पर,
भीलनी जोवे बाट,
राम मैरे घर आना, राम मेरे घर आना।।

भजन भंडार 


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